सारणी के प्रमुख अंगो की व्याख्या कीजिए

सारणी के प्रमुख अंगो की व्याख्या निम्नलिखित है :-

(1) शीर्षक (Title)- सबसे पहले सारणी के ऊपर उनकी संख्या दी जाती है तथा उसके नीचे सारणी का शीर्षक दिया जाता है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आँकड़े किस सम्बंध में है, आँकड़ों की अवधि क्या है तथा आँकड़े किन राशियों में व्यक्त किये गये हैं। जैसे – हमने सारणी में भारत के 1991 से 1991 तक का निर्यात करोड़ रूपये में दिखाया है, तो सारणी का शीर्षक होगा, ‘भारत का निर्यात व्यापार’ 1991-91 (करोड़ रूपये में)।

(2) उपषीर्षक(Captions)- एक सारणी में अनेक उपशीर्षक हो सकते हैं, अतः इन्हें भी स्पष्ट किया जाता है। इन उपशीर्षकों के स्तम्भों को खड़ी रेखा से विभाजित कर लिया जाता है। अन्त में प्रत्येक स्तम्भों के जोड़ने का प्रावधान रहता है (यदि आवश्यकता हो)।

(3) सारणी का मुख्य भाग(Main Body of Table)- सारणी का आकार तैयार कर उसमें ऑकड़े लिखे जाते हैं। यह सारणी का मुख्य भाग या अंग होता है, सारणी का आकार इतना बड़ा होना चाहिए कि उसमें सभी आवश्यक तथ्यों का समावेश हो सके।

(4) आँकड़ों का स्त्रोत (Sources of Data)- सारणी के नीचे स्त्रोत लिखकर यह स्पष्ट किया जाता है कि सारणी के आँकड़े कहाँ से लिये गये हैं। यह विशेष रूप से उस समय आवश्यक होता है, जपब द्वितीयक आँकड़े हों।

(5) पाद-टिप्पणी(Footnote)- जब सारणी में दी गयी किसी बात को और अच्छी तरह से स्पष्ट करना होता है, तो उसे नीचे ‘फुटनोट’ के रूप में दिया जाता है। जैसे – हम 1995-90 तक भारत में गेहूँ का उत्पादन दे रहे हैं और 1997 में यह उत्पादन बहुत कम दिखाया गया है, तो फुटनोट में यहदिया जायेगा कि 1997 में अनावृष्टि या अन्य किसी कारण से उत्पादन कम हुआ था।

(6) पंक्ति का शीर्षक(Stubs)- सारणी की प्रत्येक पंक्ति में जो विवरण रहता है, उसके बायीं ओर उसका शीर्षक रहता है तथा प्रत्येक पंक्ति में पदों का उल्लेख होता है। जैसे – हम पंचवर्षीय योजना में विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन लक्ष्य दे रहे हैं, तो प्रत्येक वस्तु का उल्लेख होगाः जैसे-खाद्यान्न, कोयला, सीमेण्ट, बिजली इत्यादि।

(7) रेखांकन एवं स्थान छोड़ना(Ruling and Spacing)- रेखांकन एवं स्थान छोड़ना भी सारणी का प्रमुख अंग है। उचित स्थान छोड़ने से और उचित रेखांकन करने से सारणी अधिक आकर्षक एवं प्रभावशाली हो जाती है। आँकड़ों को प्रविष्ट करने से पहले रेखाओं से सारणी का एक ढाँचा तैयार कर लेना चाहिए, ताकि आवश्यकतानुसार सुधार किया जा सके।

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