किसी एक ही तत्व के वे परमाणु जिनका परमाणु क्रमांक तो समान होता है लेकिन उनका द्रव्यमान भार अलग अलग होते है ऐसे परमाणुओं को समस्थानिक कहते है।
चूँकि इनके परमाणु क्रमांक समान होते है अत: स्पष्ट है कि समस्थानिक तत्वों में प्रोटॉन की संख्या तो समान होती है लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या अलग अलग होती है।
एक ही पदार्थ के सभी समस्थानिकों के रासायनिक गुण समान होते है और चूँकि इनमें “प्रोटॉन की संख्या (परमाणु क्रमांक)” समान होती है इसलिए आवर्त सारणी में इनकी स्थिति भी समान होती है।
जैसा कि नाम से स्पष्ट है “समस्थानिक” अर्थात “ समान स्थान” चूँकि समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक समान होता है अत: स्पष्ट है कि समस्थानिक में प्रोटॉन की संख्या समान होती है और चूँकि सामान्य अवस्था किसी परमाणु में जितने प्रोटोन होते है उतने ही इलेक्ट्रॉन होते है इसलिए समस्थानिक के लिए यह माना जाता है इनमें न्यूट्रॉन की संख्या अलग अलग होती है इसलिए ये समस्थानिक होते है और न्यूट्रॉन की संख्या अलग अलग होने के कारण समस्थानिक का परमाणु भार भिन्न होता है।
उदाहरण : कार्बन के तीन समस्थानिक होते है जिन्हें कार्बन-12 , कार्बन-13 और कार्बन-14 द्वारा लिखा जाता है , इन समस्थानिको का परमाणु द्रव्यमान (भार) क्रमशः 12 , 13 और 14 होता है। कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 होता है इसका मतलब यह है कि कार्बन में 6 प्रोटोन होते है तथा इसके समस्थानिको में न्यूट्रॉन की संख्या क्रमशः 6, 7 और 8 होती है।